ईरान और रूस के बीच 20 साल का रणनीतिक समझौता लागू हो गया है। ईरान और रूस के बीच हुआ रणनीतिक समझौता आज से आधिकारिक रूप से लागू हो गया है। रूसी विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि यह समझौता दोनों देशों के बीच दोस्ताना रिश्तों को मज़बूत करेगा और सहयोग को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
मंत्रालय के मुताबिक़ यह समझौता दोनों देशों की उच्च राजनीतिक नेतृत्व की रणनीतिक प्राथमिकताओं को दर्शाता है, जिसका उद्देश्य अच्छे पड़ोसी संबंध और जनता के बुनियादी हितों की रक्षा करना है। इसे द्विपक्षीय संबंधों के इतिहास में एक अहम मील का पत्थर बताया गया। समझौते के अहम बिंदुओं सभी क्षेत्रों में संबंधों का विस्तार और गहराई, व्यापार और आर्थिक सहयोग का लगातार जारी रखना, संयुक्त सैन्य अभ्यास में करीबी सहयोग, एक-दूसरे के ख़िलाफ़ किसी भी आक्रामकता का समर्थन न करना, क्षेत्र को अलगाववादी आंदोलनों के लिए इस्तेमाल न होने देना, एकतरफ़ा और अवैध प्रतिबंधों का विरोध, तीसरे देशों की पाबंदियों में शामिल न होना, मीडिया सहयोग के ज़रिए झूठे प्रचार का सामना, प्राकृतिक व मानवीय आपदाओं में मदद, साझा वित्तीय ढाँचा तैयार करना आदि में शामिल हैं।
इसके अलावा, दोनों देशों ने शांति पूर्ण परमाणु ऊर्जा सहयोग, न्यूक्लियर पावर प्लांट्स की निर्माण परियोजनाओं और आतंकवाद व अन्य अंतरराष्ट्रीय खतरों से निपटने में सहयोग पर सहमति जताई है।
यह समझौता 20 साल की अवधि के लिए है और इसके बाद अपने आप 5 साल के लिए नवीनीकृत होता रहेगा। 17 जनवरी 2025 को ईरानी राष्ट्रपति मसऊद पिजिश्कियान और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मास्को में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
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